रोजाना शरीर की जरूरत से ज्यादा कैलोरी लेने से समय के साथ-साथ वजन बढ़ने लगता है।
शारीरिक गतिविधि की कमी या ज्यादा देर तक बैठ कर काम करने से वजन बढ़ सकता है क्योंकि खपत की गई कैलोरी बर्न नहीं हो पाती।
फ़ास्ट फ़ूड, अधिक तेल वाली चीज, शक्कर युक्त स्नैक्स और कोल्ड ड्रिंक जैसे पेय पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन से वजन बढ़ सकता है।
कुछ व्यक्तियों में वजन बढ़ने की अनुवांशिक प्रवृत्ति हो सकती है, जिससे की उनका वजन अपने आप बढ़ने लगता है।
इंसुलिन, थायरॉइड हार्मोन या कोर्टिसोल जैसे हार्मोन में असंतुलन चयापचय को प्रभावित कर सकता है और वह वजन बढ़ने का कारण बन सकता है।
कुछ दवाएं, जैसे कि एंटीडिप्रेसेंट, एंटीसाइकोटिक्स या स्टेरॉयड, साइड इफेक्ट के रूप में आपके वजन बढ़ा सकती हैं।
एक्सरसाइज नहीं करने से शरीर में कैलोरी की मात्रा खपत नहीं हो पाती और वजन बढ़ने लगता है।
अपर्याप्त नींद हार्मोनल संतुलन को बाधित कर सकती है, भूख बढ़ा सकती है और आपके वजन को भी बढ़ा सकती है।
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारा चयापचय धीमा हो जाता है, अगर आहार और गतिविधि का स्तर समान रहे तो वजन बढ़ने लगता है।
कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ, जैसे हाइपोथायरायडिज्म, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), या कुशिंग सिंड्रोम, वजन बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।